सेकेंडरी एजुकेशन किसे कहते है? इसका उद्देशय क्या है?
सेकेंडरी एजुकेशन (secondary education)किसे कहते है? इसका उद्देशय क्या है?
माध्यमिक शिक्षा जो 14 से 18 वर्ष के लिए केंद्रित है जहां नौवीं से बारहवीं तक को रखा गया है नई शिक्षा नीति में प्रचार के अंतर्गत शामिल किया गया है
उद्देश्य
व्यवसाय परक शिक्षा की ओर ले जाना प्राथमिक के बाद माध्यमिक की भी सर्वभौमिकरण की बात की जा रही है रही है। शिक्षा के स्तर पर बच्चों को कौशल विकास ,उद्यमिता विकास, कैरियर चयन से जोड़ना चाहते हैं।
वैज्ञानिक मनोवृति और शोध और अनुसंधान से जोड़ना चाहते हैं।
सामाजिक संवेदनशीलता व समाज सेवा से जुड़ना चाहते हैं ।
नेतृत्व व अनुशासन का विकास भी यहीं पर दिखाई देता है ।
प्रभावी यौन शिक्षा और मनोवेज्ञानिक काउंसिलिंग इस स्तर पर बहुत जरूरी है।
रणनीति क्या है ?
1.शिक्षा के इस स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली को लागू करना चाहिए जहां प्रथम छह माह रुचि व योग्यता की पहचान में लगाया जा सकता है उसके बाद अगले डेढ़ वर्ष विशेषज्ञता को देखा जा सकता है।
2. नौवीं व दसवीं के स्तर पर सभी विषयों की पहचान कराई जाए उसके बाद अपनी रूचि के अनुसार विषय का चयन विद्यार्थियों पर छोड़ दिया जाए ।
3.शिक्षा के स्तर पर पढ़ाई से भिन्न-भिन्न कैरियर की पहचान भी की जा सकती है , कला ,म्यूजिक ,स्पोर्ट्स में रुचि होने पर उन्हें प्रोत्साहित करें प्राथमिक चयन बताया जा सकता हैं।
4. एनएसएस NSS, NCC एनसीसी ,इंटर स्कूल कंपटीशन के माध्यम से सामाजिक रुचि को बढ़ाया जा सकता है ।
5.इस स्तर पर साला छोड़ने की दर बढ़ जाती है इसे रोकने व सर्वभौमिकरण शिक्षा का प्रयास किया जाना चाहिए ।
6.ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक शिक्षा को बढ़ाने की कमी होती है ,हमारे पास सीमित संसाधन है,लोक नीति को प्रभावि तरीके से लगाए जाने की आवश्यकता है । प्रयोगिक शिक्षा का महत्व बढ़ जाता है इसलिए प्रयोगशाला का निर्माण व उनमें बेहतर निर्माण पर ध्यान देना चाहिए इस स्तर पर शिक्षक ,शौचालय का अच्छा होना बहुत जरूरी है।
बाधाएं कौन – कौन सी है ?
उपलब्धता की कमी ग्रामीण व दुरस्थ क्षेत्रो में ।
आधारभूत सुविधाएं।
ट्यूशन का बढ़ता प्रभाव ।
उच्च स्तर के शिक्षक।
प्रतियोगिता परीक्षाओं का बढ़ता दबाव।
शारीरिक व मानसिक बदलाव के साथ सहज होना ।
यौन आकर्षण जो ऊर्जा को नष्ट करता है।
विषयों को गलत चयन
पारिवारिक दबाव में विषयो का चयन व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी।
प्रयास क्या है –
1.राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन अभियान आरएमएसएRMSA
मार्च 2009 से प्रारंभ
उद्देश्य : माध्यमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण व गुणवत्ता में सुधार इस अभियान में 60000 सरकारी माध्यमिक विद्यालय के विस्तार व पुनर्निर्माण की बात की गई है ।
पिछड़े क्षेत्र में 11000 माध्यमिक स्कूल खोले जाएंगे जो नामांकन दर 50% है इस क्षेत्र में विभिन्न अंतराल को भरना शिक्षा मानकों को तय करना व प्रभावी नियामक तंत्र को लाना इस अभियान के उद्देश्य बताए गए हैं इसके लिए विश्व बैंक के द्वारा वित्तीय प्रदान किया गया है।
2.ई पाठशाला डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा है नौवीं से 12वीं तक की शिक्षा को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है ।
3.राष्ट्रीय आविष्कार अभियान 2015 12वीं के बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरूकता लाने के लिए इसमें गणित व विज्ञान क्लास बनाए जाएंगे मॉडल लेब का निर्माण किया जाएगा। नवाचार ,शोध, अनुसंधान से जोड़ने के लिए।
धन्यवाद……….