शिक्षा क्या है, शिक्षा का उद्देश्य क्या है।what is education?

शिक्षा क्या है, शिक्षा का उद्देश्य क्या है।what is education?

 

Hello दोस्तो आज के इस आर्टिकल मे जानेगें , शिक्षा क्या है, शिक्षा का उद्देश्य क्या है।

What is education? शिक्षा क्या है? 

 

शिक्षा शब्द की उत्पत्ति शिक्ष शब्द से हुआ है जिसका अर्थ व्यवहार में परिमार्जन या व्यक्त्तित्व का संवर्धन होता है ।(भारतीय संदर्भ में )

‌ज्ञान व कौशल संवर्धन जो प्रशिक्षण से निरंतर सुधारने की प्रक्रिया है ।इसलिए शिक्षण के लिए शिक्षक की आवश्यकता है। (पश्चिम के संदर्भ में )

ह‌ भारतीय संदर्भ में शिक्षा का अर्थ पश्चिमी संदर्भ से कहीं अधिक है, क्योंकि पश्चिमी शिक्षा रोजगार स्वरोजगार आजीविका से जोड़ने का एक साधन है जो मानव संसाधन से जोड़ता है ।

‌पश्चिमी शिक्षा ज्ञान व कौशल पर अधिक ध्यान देती हैं जबकि भारत में शिक्षा ज्ञान व कौशल के साथ नैतिक मूल्यों का सृजन का आधार है।

‌ पश्चिमी शिक्षा समय व स्थान से सीमित नजर आते हैं जब भारतीय शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली शिक्षा है क्योंकि यदि शिक्षा का अर्थ सीखना है तो हमें जीवन पर्यंत सीखना है।

शिक्षा एक प्रक्रिया है जिसमें ज्ञान, कौशल, अनुभव, तत्त्वाधान और मूल्यों को अभिव्यक्ति द्वारा उद्धृत किया जाता है। यह एक सामाजिक प्रक्रिया है जो मनुष्यों को समाज, संस्कृति और विज्ञान में बदलाव करने की क्षमता प्रदान करती है।

शिक्षा मानव संसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान, समझ, विचारशीलता और नैतिकता का विकास करना है।

शिक्षा मनुष्य के द्वारा उत्पन्न की गई सभी ज्ञान, संग्रहीत जानकारी, और सामरिक कौशलों का एक संकलन है। इसको आम तौर पर स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षा संस्थानों में दिया जाता है, लेकिन शिक्षा जीवन के हर क्षेत्र में हो सकती है और नैतिक, सामाजिक और व्यावसायिक मूल्यों के विकास को बढ़ाती है या उसका समर्थन करती है।

शिक्षा और साक्षरता 

 

.शिक्षा एक व्यापक विचार है जिसमें साक्षरता एक छोटा हिस्सा है साक्षरता शिक्षा का साधन हो सकती है, जहां भाषा व लिपि की समझ सिखने को आसान बनाती हैं।

लेकिन साक्षरता के बिना भी शिक्षा लिखी जा सकती है , जहां एक अनपढ़ किसान मानसून का परंपरागत ज्ञान दे सकता है, कई निरअक्षर भी शिक्षित हो सकते हैं जिन्हें अनपढ़ समझदार कहते हैं ।कई बार सक्षम होते हुए भी अशिक्षित की तरह व्यवहार करते हैं ।यहां अंधविश्वास कुरीतियों को प्रोत्साहित करते हैं और यह पढ़े लिखे गवार कहलाते हैं । साक्षर व शिक्षा का अंतर हमें पढ़े लिखे और अनपढ़ समझदार से होता है।

 

शिक्षा का उद्देश्य क्या है?

शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है व्यक्तित्व संवर्धन व्यक्तित्व के अलग अलग आयाम सामाजिक व आध्यात्मिक दक्षता शारीरिक दक्षता, बौद्धिक दक्षता, भावनात्मक दक्षता आदि सुधरते हैं।

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है एक व्यक्ति को समग्र विकास करना और संसाधनों के उपयोग के माध्यम से उनकी क्षमताओं को बढाना है। यह ज्ञान, आदर्शों, मूल्यों और सामरिक और सामाजिक दृष्टिकोण को प्रदान करती है। शिक्षा मनोवैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को भी समझने के लिए व्यक्ति को सुसंगत तरीके से तैयार करती है।

शिक्षा का आधार विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षा द्वारा प्राप्त किया जाता है।

शिक्षा के माध्यम से छात्र विभिन्न विषयों, कौशलों और संगठनात्मक क्षमताओं का अध्ययन करते हैं, जो उन्हें उच्चतर स्तर पर सोचने,समझने मे और समस्याओं को हल करने और सामाजिक परिवर्तन में योगदान देने की क्षमता प्रदान करती है।

शिक्षा समाज की नींव है और एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित लोग अपनी ज्ञान, समझ, और कौशल का उपयोग करके आपसी सम्बंधों को सुधार सकते हैं, उच्च जीवन गुणवत्ता की ओर प्रगति कर सकते हैं, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

‌ 1.जब सभी आयामों का विकास हो जाता है तो अपने आप सकारात्मक मूल्य आ जाते हैं। प्रेम, दया ,सेवा, संवेदना ,मातृत्व स्वतंत्रता ,समानता ,न्याय ,लोकतंत्र तर्क विज्ञान आदि नैतिक मूल्य आ जाते हैं

‌ 2.शिक्षा मानव को नैतिक मूल्यों से जोड़ती है।

‌3. शिक्षा मानव को आजीविका से जोड़ती है।

‌ 4.सामाजिकरण का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण कहा गया है।

शिक्षा के प्रारूप 

‌ प्राथमिक शिक्षा 

‌माध्यमिक शिक्षा 

उच्च शिक्षा 

 

 

आशा  करते है शिक्षा क्या है इसका उदेशय  की जानकारी आपके लिए कुछ helpful रहा होगा, ऐसे ही जानकारी के लिये इस आर्टिकल पर आते रहिए, अच्छा लगा होगा तो दोस्तो के साथ share जरूर करिये, और कैसे लगा comment करके बताइये। 

Thank you…….

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